गजल
नव वर्षक नव उर्जा आगमन भS गेल अछी
दू:खद सुखद समय पाछू छुईटगेल अछी
इर्ष्या द्दोष लोभ लालच आल्श्य कय त्याग करी
रोग शोक ब्यग्र ब्याधा सभटा पडागेल अछी
नव प्रभातक संग नव कार्य शुभारम्भ करी
नव वर्षक नवका सूर्य उदय भS गेल अछी
अशुभ छोड़ी शुभ मार्ग चलबाक संकल्प करी
दिव्यज्योति सभक मोन में जागृत भगेल अछी
निरर्थक अप्पन उर्जाशक्ति के ह्रास नहीं करी
शुख समृद्धि प्राप्तिक मार्ग प्रसस्त भS गेल अछी
सुमधुर वाणी सं सबहक मोन जीतल करी
सामाजिक सहिंष्णुता आवश्यकता भS गेल अछी
.............................वर्ण:-१८ ...........................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
नव वर्षक नव उर्जा आगमन भS गेल अछी
दू:खद सुखद समय पाछू छुईटगेल अछी
इर्ष्या द्दोष लोभ लालच आल्श्य कय त्याग करी
रोग शोक ब्यग्र ब्याधा सभटा पडागेल अछी
नव प्रभातक संग नव कार्य शुभारम्भ करी
नव वर्षक नवका सूर्य उदय भS गेल अछी
अशुभ छोड़ी शुभ मार्ग चलबाक संकल्प करी
दिव्यज्योति सभक मोन में जागृत भगेल अछी
निरर्थक अप्पन उर्जाशक्ति के ह्रास नहीं करी
शुख समृद्धि प्राप्तिक मार्ग प्रसस्त भS गेल अछी
सुमधुर वाणी सं सबहक मोन जीतल करी
सामाजिक सहिंष्णुता आवश्यकता भS गेल अछी
.............................वर्ण:-१८ ...........................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट