गुरुवार, 20 जनवरी 2011

नारी है अनमोल रत्नं @प्रभात राय भट्ट


नारि
ब्रम्हाण्ड कि सब से सुन्दर और सब कि प्यारी !!
होती है इस जगत कि आदर्श नारि !!
हमारे जीवन मे सर्ब सुख प्रदान करती है ये नारि !!
कभी माँ कि रुपमे ममता लुटाती है !!
कभी बहन कि रुपमे स्नेह देती है !!
कभी पत्नी के रुप मे प्यार और आनन्द बर्शाती है !!
कभी बेटी के रुपमे सामान् देती है !!
जीवन कि अनमोल रत्न् है ये नारि !!
ईन्ही से चल्ती है सृष्टि शारी !!
इनकी जमाल से रोशन है कायनात हमारी !!
इन्के बेगैर इस जहाँ मे जीना नामुम्किन है हमारी !!
अन्धेरे मे भी रोशनी जाला देती है ये नारि !!
हर दुख मे हम्सफ़र बनके सुख का येहसाश दिलाती है ये नारि !!
हम खोए हुए मोज है ये नारि है एक साहील !!
हम खोए हुए मुसाफिर है ,ये नारि है एक मन्जिल !!
सागर कि गहराई से भी गहरी होती है इनकी सहनशीलता !!
चाहे दुख हो या सुख हर घडी होती है इनकी मुखरपे शालीनता !!
नारि के ब़ल पे थमी है दुनिया कि हरेक अनमोल नाता !!
हर गम-ए शितम सहकर निभालेती है अपनी रिस्ता !!
ब्रम्हाण्ड कि सब से सुन्दर और सबकि प्यारी !!
होती है इस जगत के आदर्श नारि ...........!!
कविता के रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट

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