मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

हम रहित छि परदेश@प्रभात राय भट्ट



हम रहैत छि परदेश मुदा प्रेम अछि अपने देश स:!!

हम छि पावनभूमि मिथिलाधाम मधेस स:!!

लिखैत छि चिठ्ठी अपन ब्याथ केर नैनक नोर स:!!

मोनक बात चिठ्ठी में लिखैत छि मुदा बाईज नई सकैत छि ठोर स:!!
लिखैत छि अपन दुःख क पाती,रहैत छि कोना परदेश में !!

अईब केर परदेश हम फैस गेलौ बड़का क्लेश में !!

माए केर ममता भौजी केर स्नेह बिसरल नई जाईय !!
साथी संगी खेत खलिहान हमरा बड मोन परईय !!

माथ जौ दुखैत हमर माए लग में अब्थिन !!

की भेल हमर सोना बेट्टा के कहिक माथ मालिश करथिन !!

बोखार जौ लागैत हमरा भौजी बौआ बौआ करैत लग अब्थिन !!

दुधक पट्टी माथ पर रख्थिन आ दबाई ला क हमरा खुअब्थिन !!

मुदा अ इ परदेश में धर्ती गगन चंदा सूरज सब लगईय अनचिन्हार !!

बड अजगुत लगैय हमरा देख क ऐठामक दूरब्यबहार !!

मानब्ता नामक छीज नई छई इन्शान बनल अछि इंजिन !!

अठारह घंटा काम कर्बैय मालिक बुझैय हमरा मशीन !!

जान जी लगाक केलौ काम दू चैरगो रोग हमरा भेटल इनाम !!

नई सकैत छि त आब कामचोर कहिक हमरा केलक बदनाम !!

लिखैत छि कथा अपन ब्यथा केर बुझाब आहा सब बिशेष में !!

नून रोटी खैहा भैया अपने देश में ,जैइहा नई परदेश में !!

रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट

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