मंगलवार, 31 जनवरी 2017

माए महात्म

दुनिया के दौर मे स्नेह ममता स बहुत दुर भागल छि जेना बुझाइए हम्ही टा ए जग मे अभागल छि ते आजु माए कए याद सँ भाव विभोर भोगेल्हु अछी जेना बुझाइए कतेक जल्दी माएक ममता के छाव मे चैनक सास लि । [माए महात्म ] माए सन कियो नए जगमे महान खोईजलिय चाहे सगरो जहान कावा काशी मथुराधाम शास्त्र पुरान गीता कुरान सगरो माएक ममता कय बखान कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान......... हम छलहुँ गर्भवास माएक पेट मे जखन नौ मास सकल सुरत बिनु देखल माए देलन्ही स्नेहक सुवास माएक मोन हर्ष उल्लास कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान प्रसव पिडा सँ माए बड छटपटोलन्ही मृत्यु सँ लडि लडि जन्म देलन्ही हमर सुरत देख्ते माए ममता कए उत्कर्स पौलन्ही कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान हमर मल मुत्र सभटा हर्शित भए कएलन्ही था था थैया आङुर पकैर चलब सिखौलन्ही मा मा पा पा बा बा कहि बाजब सिखौलन्ही कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान घुट घुट घुटुर घुटुर खाए पिएब सिखौलन्ही अपन रक्त समान दूध अमृतपान करौलन्ही छाती स साटि कय सङ सङ सुतौलन्ही कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान बिनु बजने मोनक बात सभटा बुझ्लन्ही अपन भुख पिआस निन सभटा हमरे भुख पिआस निन मे समर्पित कय देलन्ही बढ जतन स पोसि पाली कए तरुण बनौलन्ही कियो नए जगमे माए समान माएक ममता अछी महान पग पग सदती ममता कए खजाना लुट्बलन्ही जीवन अपन निछावर केलन्ही अवर्निय अछी माएक ममता माएक बर्णन कोना करि तुक्ष शब्द स कोना करि माएक गुणगान माएक ममता अछी महान जगत जननी जग्दम्बा थिक माए बत्सल्ल प्रेमक गँगा थिक माए सुन्दर छवि अप्सरा थिक माए जीवन कए सहारा थिक माए भक्ती कए गुणगान थिक माए शक्ति कए स्वभिमान थिक माए सृष्टि कए अनुपम वरदान थिक माए कावा काशी मथुरा धाम थिक माए शास्त्र पुरान गीता कुरान थिक माए जगमे सभ स पैघ महान थिक माए माएक ममता थिक अनमोल रतन जगमे कतहु नहि भेटत माए धन मानल करि माए महात्म कए कथन तन मन सँ करि माएक सेवा जतन कवि:-प्रभात पुनम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

b