मंगलवार, 31 जनवरी 2017
बीहनि कथा
बिहनी कथा
दहेज बेटिक अधिकार @ प्रभात पुनम
लाल बौआ :- हे यौ बौआ काका , एगो गप करबाक छ्ल अहा स !
काका:- कि गप कह ने झट स ...
लाल बौआ :- आइ काइल्ह दहेज मुक्त मिथिला ,दाइजो उन्मुलन , दहेज एक अपराध ,दहेज समाजक कलन्क आर नहि जानी कि कहादिन सभक नारा बड जोर सोर
स लाइग रहल छै !
काका:- ह रौ हम्हु इ सब देख क बड अच्म्भित भेल थिकहु , भगवानक कृपा स चाइर गो बेटा के बाप छि हम, मोने मोन सोचने छल्हु जे बेटाक बिआह मे बेटिबाला के डार सरका क खुब पाई ऐठब मुदा इ दहेज बिरोधी सब त...... गेल भैस पाइन मे बाला कथनी क देलक !
लाल बौआ:- धु .......तोरि के ,काका तोहु ने अनेरे चिन्ता मे पैर गेलाह !
काका:- त तोहि कह ने झट स........जे आब दहेज कोना लेल जाए !
लाल बौआ:- आइ हौ काका ......हम सब पैढ लिख घाँस छिल लेल बैसल छि कि ?
काका :- त कुनु जोगार लगाबे ने तब ने बुझबौ !
लाल बौआ:- एखन महिला अधिकार के बजार सेहो बड गर्म छै , तेह दहेज बेटिक अधिकार थिक ,दहेज महिलाक हक थिक कहि कए हम पढल लिखल युवा पत्रकार याह नाटक हेतु कलाकार बैन जाइछी ! आ जत जत आदर्श बिआह वा दहेज मुक्त मिथिलाक वाद साम्बाद हेतै हम वहि ठाम दहेज कए बेटिक अधिकार सङ जोईर देबै आ बड चलाकी पुर्वक लोक सभ के दिगभ्रमित क देबै अहा जुनि चिन्ता करि ।
आब कहु केहन लागल हमर योजना !
काका :- वाह वाह सच मे तु कलाकार छे नुनु
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