चन्द्रमुखी यए मृगनयनी चानिपिटल देह पिक्वैनी
अहां घोघ नए गिराऊ सजनी हमरा देखदिय
देख अहांक रूप सजनी मोन भेलै हमर आवारा
अहां घोघ तर सँ मुस्की मरैय छि चौवनी
मोहिलेली मोन सजनी अहां हमर सोरहनी
चन्द्रमुखी यए मृगनयनीचानिपिटल देह पिक्वैनी
भेलू हम घायल अहांक नजरियाकें वाण सँ
जुनी तडपपाऊ सजनी मैर ज्याब हम प्राण सँ
सोलहो श्रींगार साजल अंग अंग अहां के
करैय ईशारा हमरा मदमातल उमग अहां के
रंगविरंगक फुल सँ साजल अछि आजुक सेज
रसपान कराऊ सजनी प्यास लागल अछि तेज
सोनपरी सन काया देखि मोनमे उठल हिलोर
यी सोहनगर राईत फेर नै भेटत भेल जैइय भोर
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
चन्द्रमुखी यए मृगनयनीचानिपिटल देह पिक्वैनी
अहां घोघ नए गिराऊ सजनी हमरा देखदिय
अहां घोघ नए गिराऊ सजनी हमरा देखदिय
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