शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

गीत:-विरह@प्रभात राय भट्ट

                 गीत:-विरह
आबू हमरा लग आबू पिया निरमोहिया //   मुखड़ा
सेनुरक लाज रखु हमर पिया सिनेहिया//२
 
कतय गेलहुं हमर प्रीतम चितचोर             
अहाँक इआदे नैना बरसैय  मोर 
जिब नै सकब अहाँ बिनु हम सजना
घुईर चली आबू पिया अपन अंगना 
आबू हमरा लग आबू पिया निरमोहिया //  
सेनुरक लाज रखु हमर पिया सिनेहिया//२
 
पल पल हम मरि मरि जिबैतछी
घुइट घुइट आइंखक नोर पिबैतछी
घुईर आबू सुनिक हमर वेदनाक स्वर 
करजोरी विनती करैतछी पिया परमेश्वर 
आबू हमरा लग आबू पिया निरमोहिया //   
सेनुरक लाज रखु हमर पिया सिनेहिया//२
 
अहिं हमर मथुरा काशी मका मदीना 
अहाँ बिनु नहीं अछि हमरा जिनगी जीना 
चिर निंद्रा सं जागी आबू कलक मुह सं भागी 
समसान सं उठी आबू कब्रस्तान सं निकली आबू
 आबू हमरा लग आबू पिया निरमोहिया //  
सेनुरक लाज रखु हमर पिया सिनेहिया//२
 
आस नहि तोडू पिया साँस रहिगेल बड़ कम  
जौं कनियो देर करब निकली जाएत हमर दम
 निकली जाएत हमर दम....................२
पिया ...........पिया ........मोर पिया.....२
आबू हमरा लग आबू पिया निरमोहिया //   
सेनुरक लाज रखु हमर पिया सिनेहिया//२
 
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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