बुधवार, 27 अप्रैल 2011

हाबड़ा पुल तोरा देखैबो @प्रभात राय भट्ट


पेन्ह्नेछे मेक्सी हाथ में पेप्सी,
तू लागैछे बड़ा सेक्सी गे,२ 
हाँ हाँ सेक्सी गे बड़ा सेक्सी गे २
आइग जिका धध्कई छे तू ,
बिजुली जिका चमकै छे तू ,
हवा में उड़इ छो तोहर दुपटा,
चल न चल गोरी कलकाता २
हाबड़ा पुल तोरा देखैबो,     
कलकाता के शयर करैबो,
रस से भरल रस्गुला खिलेबो,
ठनका जिका ठंकई छे तू ,
बदरा जिका बरषई छे तू ,
पारी जिका रम्कई छे तू ,
बात बात में पढाई छे गाईर,
राख तू राख अपन जोवन सम्हईर,२
रूप तोहर देखि भेलै बबाल,
तोहर दीवाना समूचा नेपाल,
अजबे गजबे छौ चाल ढाल,
कमर में खोसने छे तू रुमाल,
जर जुवान के बाते छोर,
बुढ्बो भेल तोरा लेल बेहाल,
कोई कहै छौ आई लव यु,
कोई कहै छौ हेलो सेक्सी हाउ आर यु,
रचनाकार:प्रभात राय भट्ट 

रविवार, 17 अप्रैल 2011

दहेज मुक्त मिथिला स्थानीय सौराठ विकास समिति


उपस्थित सदस्यगण! श्रेष्ठ, मित्र एवं अनुज!!


हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन!

आजुक मिटिंग निरंतरता में अछि आ आब मैथिलीके मिथिलाक चौरी सऽ निकलि दहेज मुक्त मिथिलाके एहि दलानपर अपने लोकनिक पुनः स्वागत अछि। हमरा लोकनि लगभग हर विन्दुपर चर्चा कयलहुँ आ बहुतो रास बातके निर्णय कयलहुँ। सौभाग्य हमरा लोकनिक जे एहि मिटिंगमें श्री कृपानन्द झा सर के अध्यक्षता भेटल। श्रेष्ठ संरक्षक लोकनिक सान्निध्य भेटल। मुद्दा पर आबी।



१.  सौराठ सभा के पुनरुत्थान करब से निर्णय लेल।


२.   दहेज मुक्त मिथिला स्थानीय सौराठ विकास समिति एवं अन्य संस्थासभ संग मिलिके सहकार्य करब से निर्णय लेल।


३.   दहेज मुक्त मिथिलाके स्वतंत्र संगठन बनायब से निर्णय लेल।


४.   दहेज मुक्त विवाह के प्रोत्साहन देब से निर्णय लेल।
 ५.   संगठन विस्तारके क्रममें स्थानीय एवं बाहरी सदस्य सभ के जोड़ब से निर्णय भेल। स्थानीय जिम्मेवारी सऽ लऽ के विभिन्न जगहके जिम्मेवारी सदस्य लोकनि सहर्ष स्वीकार कयलाह, जेकर सूची अलग सऽ पेश कयल जायत।


६.   सदस्यता शुल्क संरक्षक सदस्य - ५१०१/-, संस्थापक सदस्य - २१०१/-, आजीवन सदस्य ५०१/- एवं साधारण सदस्य १५१/- राखब से निर्णय लेल।


७.    सौराठ उपरान्त दहेज मुक्त विवाह समग्र मिथिलावासी हेतु बिना कोनो जाति-पाँति के भेदभाव रखने केवल मैथिली भाषाभाषीके लेल भारत तथा नेपालके विभिन्न स्थानपर सभा-आयोजना करब से निर्णय लेल।


८.    सदस्य सभ के-कोना सदस्यता ग्रहण करता से निर्णय लेल, जेकर अलगे लिस्ट बनाओल जायत, सदस्यता शुल्क तत्काल श्री प्रकाश चौधरीजी के खाता संख्या ११३०२५९४५०२ - खाताधारक: प्रकाश चन्द्र चौधरी, बैंक: स्टेट बैंक अफ ईण्डिया, रहिका शाखा में कैल जाय से निर्णय भेल।


९.   संगठन विस्तारके क्रममें स्थानीय नागरिक सभके सदस्यता अभियान हेतु कार्यकर्ता परिचालन, प्रचार-प्रसार हेतु आवश्यक पहल एवं आगामी २२ मई के सौराठमें सौराठ विकास समिति संग मिटिंग से निर्णय भेल।


१०.   सौराठके सफलता हेतु कार्यक्रम २०-२९ जून, २०११ धरि सदस्य सभके सक्रिय योगदान सऽ स्थानीय सौराठ विकास समिति संग सहकार्य करैत सभामें एक शिविर तथा मंच दहेज मुक्त मिथिलाके तरफ सऽ होयत से निर्णय भेल।


   एकर अलावे अनेको विन्दुपर सभ आदरणीय सदस्य सभक विचार भेटल आ ताहि विचार के एक बेर फेर सऽ समेटैक लेल इ थ्रेड के निर्माण कयल गेल, आब अपने लोकनि अपन-अपन विचार आ मिटिंगके संस्मरणके नीचां कमेन्टके रूपमें पोस्ट करी से आग्रह करैत फोरम के खोलैत छी।

धन्यवाद! जय मैथिली! जय मिथिला!!

परवीन नारायण चौधरी

बुधवार, 6 अप्रैल 2011

देलौ हम पेटकुनिया@प्रभात राय भट्ट

तिनगो बेट्टी देख कनियाँ,
देलौं हम पेटकुनियां,
डाक्टर कहैय अल्ट्रासाउंडमें,
फेर अछि बेट्टीये  यए,
बड मुस्किल स करपरत निर्वाह,
कोना हयात बेट्टीक व्याह,
चलू कनियाँ करादैछी एबोर्सन,
हम नए लेब आब एतेक टेंसन,
रूईक जाऊ!!रूईक जाऊ!!रूईक जाऊ!!
मईट स जन्म लेलक सीता,
करेजा स सट्लक जनक पिता,
हम अहाँक कोईखक सन्तान,
किया करैत छि हमर अबसान,
जनक छैथ मिथिलाक पिता,
बेट्टी इहाँ के सब सीता,
किया करैत छि बाबा अहाँ चिंता,
बेट्टा बेट्टी में नए छै कोनो भिन्ता,
भैया संग हमहू स्कुल जेबई,
मोन लगाक पढ़ाई करबई,
डाक्टर इंजिनियर पाईलट बनबई,
जगमे अहाँक नाम रोशन करबई,

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

दुल्हे पीयोलक जहर@प्रभात राय भट्ट

व्याह क्याक पिया घर गेलौं,
मोन में सुन्दर सपना सजेलौं,
सासुर घरके स्वर्ग समझलौं,
डोली चैढ पिया घर एलौं,
हर्षित मन केकरो नए देखलौं,
गिद्ध नजैर स सब हमरा देखलक,
झाड़ू बारहैन स स्वागत केलक ,
बाप किया नए देलकौ तिलक,
जरल परल जूठकुठ खियोलक,
सपना सबटा भेल चकनाचूर,
सास भेटल बड़ा निठुर,
ठनका जिका ठंकैय ससूर,
बात बात में चंडाल जिका
आईंख देख्बैय भैंसुर,
जेकरा साथै लेलौं सात फेरा
ओहो रहैय मर स दूर,
जाधैर बाप देतौने रुपैया ,
सूत बिछाक आँगनमें खटिया,
कल्पी कल्पी केलों गोरधरिया,
कतय स बाप हमर देत रुपैया,
बाबु यौ हम अहाँक राजदुलारी,
छालों हम म्याके प्यारी ,
विधाता लिखलन केहन विधना,
किया रचौलक एहन रचना,
नरक स बतर जीवन हम जीबैत छि,
आईंखक नोर घुईट घुईट पिबैत छि,
दूल्हा मगैछौ फटफटिया आ सोनाके चैन,
नए देभि त छीन लेतौ हमर सुखचैन,
बेट्टीक हालत देख बाप धैल्क हाथ माथ,
 चैन फटफटिया लक आएब हम साथ
सासूर घुइर जो बेट्टी रख बापक मान,
सपना भेल सबटा चकनाचूर,
सास सासूर भेटल बड़ा निठुर,
मालजाल जिका बन्ह्लक देवर,
ननद उतारलक गहना जेवर,
मुग्ड़ी स माईर माईर
बडकी दियादिन देखौलक तेवर,
पिजड़ा में हम फसल चीडैया,
कटल रहे हमर पंख  पंखुड़िया ,
पकैर धकैर दुल्हे पियोलक जहर,
 छटपट हम छटपटएलौं  कतेक प्रहर,
पत्थरके संसारमें कियो
नए सुनलक हमर चीत्कार,
प्राण निकलैत हम मुक्त भेलौं,
छोइड दलों यी पापी संसार,

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट   



सोमवार, 4 अप्रैल 2011

हे यए जनकपुरवाली भौजी सुनु नए कने,
कहिया स: हम एकटा बात छि मोनमें धयने,
अहाँक बोहीन लगैय दुतियाँक चाँद सन,
कोमल कोमल देह हुनक लगैय मखान सन,
लाल लाल ठोर हुनक लगैय मीठा पान सन,

अहाँक बोहीन भौजी लगैय बड़ा बेजोर,
हुनक रूप देख मोन में हमरा उठल हिलोर,
अन्हार घर में बोहीन अहाँक करिय इजोर,
गगनमे जेना चम् चम् चमकईय चानचकोर,

देख्लौ अहाँक बोहीन के हम जहिया स:
पढाई में मोन लगैय नए हमर तहियाँ स:
मुश्किल स भरहल अछि जिनगीक निर्वाह,
बढ़ाऊ बात आगू करादिया हमर विवाह,

अंग अंगमें सजायेब हुनका हिरा मोती के गहना,
खन खन खन्कौती ओ हाथमें नेपालक कंगना,
अहाँ बोहीनके डोली चढ़ा लायेब अपन अंगना,
ओ बनती हमर सजनी हम बनब हुनक सजना,

 रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट