बुधवार, 28 मार्च 2018

आजु समाज किए अतेक बिमार छै दुमुहा साप सन सभक किरदार छै जुनि भेट्त कियो एहि ठाँम जेहन्दार सभक सभ अगबे अगती कए सरदार छै जुनि पुछियौ ने हिन्का स हिनक इमान हिनक रक्त नलि मे प्रवाहित भ्रष्टाचार छै चोर कए चोर कहनैयो बात बड खराब छै चोरियो केनाए आब समानित अधिकार छै भ्रष्टाचार क पक्षपोषण मे ओहो अछी लागल प्रतिनिधि आ कि सरकार सब के सब बिमार छै जुनि हाथ पैर हाथ धरी निरास बैसु बाबु सब रोग क कुनु ने कुनु जरुर उपचार छै सब मिलजुलि दिय भ्रस्टाचार क जडि उपारि सभ्य समाज लेल सभ्यता के सरोकार छै By@ prabhat punam
गीत @प्रभात राय भट्ट नयन खोजए मोर पिया कए दुलार कि आजु करबै हम सोलहो श्रृङ्गार ऎसगर घर आङन रहि रहि मुह दुसैय पिया जि के बाट तकैत बैसल छि द्वार नैयन खोजए मोर पिया कए दुलार कि आजु करबै हम सोलहो श्रृङ्गार सेज पलङिया सेहो दैय उलहन उपराग विरह जिन्दगी क दुख अछी हजार नयन खोजए मोर पिया जि कए दुलार कि आजु करबै हम सोलहो श्रृङ्गार ऎना कंघि टीकुलि सेनुर आर चुरी कङन अछी पिया जि कए स्न्नेहक इन्तजार नयन खोजए मोर पिया जि कए दुलार कि आजु करबै हम सोलहो श्रृङ्गार स्वपन देख्लहु राती पिया गाबैए पराती भोरुकबा किरणया कहि करैय प्यार नयन खोजए मोर पिया जि कए दुलार कि आजु करबै हम सोलहो श्रृङ्गार