गुरुवार, 26 जनवरी 2012

गीत@प्रभात राय भट्ट



बसु दरभंगा मधुवनी चाहे जनकपुर
हम सभ छि मिथिलावासी रहू जतय दूर
बसु बिराटनगर राजविराज चाहे लहान
हम सभ मिथिलावासी हमर मिथिला महान

बसु सीतामढ़ी शिवहर चाहे मुजफरपुर
हम सभ छि मिथिलावासी रहू जतय दूर
घर आंगनमे बहैय हमरा कमला कोशी बल्हान
भाईचारा प्रेम देखैला चालू अयाचिक दलान

राजर्षि जनक आँगन अवतरित भेल्हीं जनकदुलारी
मिथिला केर पाहून बनलाह राम लखन धनुषधारी
बसु मलंगवा जलेश्वर चाहे समस्तीपुर
हम सभ छि मिथिलावासी रहू जतय दूर

मिथिलाक गौरव मंडन कपिल कणाद वाचस्पति
जन जन केर आत्मा छथि कवी कोकिल विधापति
बसु अररिया खगड़िया चाहे भागलपुर
हम सभ छि मिथिलावासी रहू जतय दूर 

बसु सहरसा सुपौल मधेपुरा चाहे पूर्णिया
सम सभ छि मिथिलावासी जनै समूचा  दुनिया
बसु नेपाल बिहार मुंगेर कटिहार चाहे बेगुसराय
हम सभ छि मिथिलावासी  कियो  नहि  पराय  

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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