मंगलवार, 31 जनवरी 2017

नारि दिवस

नारी दिवस [नारी दिबस ] हे जनन्नी अहाँ थिकहुँ जगमे महान नहि किछु आर जगमे अहा सम्मान बत्सल प्रेम प्रकृति कय सुन्दर धारा विलक्षण छवि प्रतीत उज्यारा सागर स गम्भीर अछी अहाक धिर शिखर स पैघ अछी स्वभिमानक शिर अनुराग देखि कय पडाएल कलेश अहि स होएत अछी शुभ श्रीगनेश शर्वत्र सदती अहा थिकहु विशेष रुप अनेक किछु नहि अछी शेष सहि कय अनेको हे जनन्नी कष्ट करैत छि अहा सुखक मार्ग् प्रस्स्त करि अन्वरत नारी कय सम्मान नारी स अछी भेट्ल सभके मान अछी हृदय ओत प्रोत भावना नारी दिबसके अशेष शुभकामना कवि- प्रभात पुनम

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