गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

गजल @प्रभात राय भट्ट

                  गजल
चिठ्ठीमें अहाँक रूप हम देखैतछी
हर्फ़ हर्फ में अहाँक स्नेह पबैतछी
 
अक्षर अक्षर में बाजब  सुनैतछी
शब्द शब्द में अहाँक प्रीत पबैतछी
 
एसगर में हम इ चिठ्ठी पढैतछी 
चूमी चूमी कें करेजा सँ सटबैतछी
 
अप्रतिम सुन्दर शब्द कें रटैतछी
प्रेम परागक अनुराग पबैतछी
 
चिठ्ठी में अहाँक रूपरंग देखैतछी
पूर्णमासिक पूनम अहाँ लागैतछी
 
प्रेमक प्यासी हम तृष्णा मेट्बैतछी
अहाँक चिठ्ठी पढ़ी पढ़ी कें झुमैतछी
 
कागज कलम कें संयोग करैतछी
"प्रभात"क मोनमे प्रेम बढ़बैतछी
..............वर्ण:-१४..................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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