गुरुवार, 20 जनवरी 2011

परछाई @प्रभात राय भट्ट

परछाई !!!
तु जहाँ भी जाओ मै तुम्हे याद आऊंगा !!
तेरे हर कदम पे तेरा परछाई बनके साथ निभाऊंगा !!
कि तेरा मेरा ये नाता है जन्म जन्म का................२ !!
मैं जिस्म हुँ,तु मेरा रूह है ......................................२ !!
तुझसे हि चल्ती मेरी जीवन कि हर सांस !!
तूही मेरी दिल कि धड्कन है .........................!!
तुम्ही हो मेरी हर खुशी कि आश ..................!!
तेरे विन मेरे हर पल रहेगी उदास .................!!
बुझ न पायेगी तेरे विन मेरी मन कि प्यास !!
कि तेरा मेरा ये नाता है जन्म जन्म का ......!!
तु जहाँ भी जाओ मै तुम्हे याद आऊंगा ......!!
न तु मुझसे कभी जुदा हुवा है,चाहे दुर रहो या पास !!
मै तो तेरे सिने मे धड्कता रहुँगा बनके तेरा सांस !!
ये तो कुछ क्षण कि मज्बुरियाँ है,कुछ पल कि दुरियाँ है !!
हम बिछड़े राहो पे फिर से मिलेंगे सदियों के लिए !!
तेरे हर कदम पे तेरा साथ निभाऊंगा !!
तु जहाँ भी जाओ मैं तुम्हे याद आऊंगा !!
रचनाकार :- प्रभात राय भट्ट
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