मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

हाटमे बबाल भोगेलैय@प्रभात राय भट्ट

हे यौ मीता आई बड़का कमाल भोगेलैय//
हमर सारीक देख हाटमे  बबाल भोगेलैय//२
जर जुवान  हुए  चाहे  छौराछेबारी
सभ  कियो  रहे परल हिनकेय पछारी
देख हिनक चालढाल गाल गुलाबी
पाछु पैरगेलैय तिन चाईरगो सराबी

हे यौ मीता आई बड़का कमाल भोगेलैय//
हमर सारीक देख हाटमे  बबाल भोगेलैय//२
नजैर घुमा जखने केलकै छेड़खानी
इआद पाड़ीदेलकै हमर सारी नानी
हाथ पईर तोईर पियादेलकै पानी
जेना बुझी सारी हमर झाँसिक रानी

हे यौ मीता आई बड़का कमाल भोगेलैय//
हमर सारीक देख हाटमे  बबाल भोगेलैय//२
देख हिनक ठोरक लाली कनक बाली 
छौरा कहलकै  बईनजो हमर घरवाली  
उठिगेलई सारीक तामस बड जोर
माईर माईर तोईर देलकै पोर पोर

हे यौ मीता आई बड़का कमाल भोगेलैय//
हमर सारीक देख हाटमे  बबाल भोगेलैय//२
नहीं जाने कोन चकिक खाईछई आंटा
चलबै छई छौरा सभ पैर जोरक चांटा
सिखने छै सारी हमर कम्पू कराटे काटा
लूचा लफंगा देकते करैछई बाई बाई टाटा

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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