शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

अहाँ बिनु हम जिब नै सकब@प्रभात राय भट्ट

अहाँ बिनु हम जिब  नै सकब
नोर बिछोड्क पिब नै सकब
 
आब अहिं कहू प्राण प्यारी रानी
अहाँ बिनु हम कोनाकS रहब
 
प्रितक बगियाँ में फुल खिलल
फुल पैर अहाँक नाम लिखब
 
जौं माली फुल तोईरकS लगेल
कांटक चुभन कोनाकS सहब
 
प्रेम परिणय मधुर सुगंध
हम विचरण कोनाकS करब
 
"प्रभात"क वेदना जौं ने बुझब
अहाँ बिनु हम जिब नै सकब
 
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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