शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

गजल@प्रभात राय भट्ट

                     गजल
छोड़ी कें हमरा पिया गेलौं बिदेशमें
विछोड़क पीड़ा  किया  देलौं संदेशमें

भूललछी अहाँ पिया डलर नोटमें
नैनाक  नोर हमरा देलौं  संदेशमें 

देखैछी पिया अहाँकें इंटरनेटमें
स्पर्शक भाव सं परैतछी कलेशमें

हम रहैतछी पिया विरहिन भेषमें
स्नेहक भूख हमरा देलौं संदेशमें

मिलनक प्यास कोना बुझत नेटमें
गाम आबू पिया रहू अपने देशमें

अहाँ रहबै सबदिन परदेशमें
किल्का कोना किलकतै  हमरा गोदमें

मर्म वियोग हमरा देलौं संदेशमें
पिया "प्रभात"किया गेलौं परदेशमें
.....................वर्ण १४....................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट




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