गजल
मरि रहल छै सीता सन बेट्टी दहेजक खेल मेंबेट्टी पुतोहू जरी रहल छै किरोसिन तेल में
बेट्टा के बाप बेचीं रहल छै मालजालक मोल में
बेट्टीबाला के घर घरारी सब लागल छै सेल में
कs देलन घर घरारी दुलहा के नाम नामसारी
बनी गेलाह ओ दाता भिखारी बाप बेट्टा के मेल में
फेर दुलहा मोटर आ गाड़ी लेल कटैय खुर्छारी
कनिया संग आबैय ओ ससुरारी चैढ कS रेल में
नै भेटला सं मोटर गाड़ी कनिया के देलक मारि
दहेजक लोभी ओ बाप बेट्टा चकी पिसैय जेल में
------------वर्ण-१९-----------
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
b