गजल
गोरी अहाँक आईखक काजर हमर जान मरैय
कारी कारी केशक लाल गाजर हमर जान मरैय
कs कs सोलह श्रृंगार अहाँ जखन घर सं निकलै छि
हावा में उडैत अहाँक आँचर हमर जान मरैय
चानी पीटल देह देख कs मोन करैय करि सनेह
सजनी अहाँक कमर पातर हमर जान मरैय
रूप अहाँक चकमक ज्योति अंग अंग लगैय मोती
मोती सं जडल अहाँक चादर हमर जान मरैय
वर्ण-२०
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
गोरी अहाँक आईखक काजर हमर जान मरैय
कारी कारी केशक लाल गाजर हमर जान मरैय
कs कs सोलह श्रृंगार अहाँ जखन घर सं निकलै छि
हावा में उडैत अहाँक आँचर हमर जान मरैय
चानी पीटल देह देख कs मोन करैय करि सनेह
सजनी अहाँक कमर पातर हमर जान मरैय
रूप अहाँक चकमक ज्योति अंग अंग लगैय मोती
मोती सं जडल अहाँक चादर हमर जान मरैय
वर्ण-२०
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
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