बुधवार, 20 जून 2012

गजल

            गजल
हम  कहानी  जीवन केर सुनाऊ कोना
करेज चिर कs घाऊ हम देखाऊ कोना

नाम  हुनके  जपैतछि  जे  देलक दगा
द्गावाज प्रीतम सँ दिल लगाऊ कोना

चमकैत रूप पाछू जे भागल  दीवाना
ओहन दगावाज के हम मनाऊ कोना

विछोडक पीड़ा सँ सुल्गैत अछि करेज
धुँवा धुँवा अछि जीनगी बताऊ  कोना

विसरल  नै  जाईए ओ  मिलनक पल
प्रीतमक ईआद दिल सँ भगाऊ कोना

जरल  करेज  में  प्रेम  जगाएब  कोना
दिल में प्रेमक दीया आब जराऊ कोना

वर्ण-१५------
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

b