मंगलवार, 31 जनवरी 2017
गज
गजल
मोन होइए जे बियाह कS लि
तै अहा स मोनक सलाह क लि ।।
नुका नुका कतेक दिन मिलब
चलु प्रेम आब बेपर्वाह क लि ।।
पहिल प्रेम जे केलौ अहा स
तै मोन होइए जे निर्वाह क लि ।।
प्रेम सागर केर नाव अहा छि
तै मोन होइए जे मलाह बनी ।।
अहाक जोबन मादक्ता पिब क
मोन होइए सते बताह बनी ।।
सुख सागर यत्रा पैर प्रीतम
मोन होइए धारा प्रवाह चली ।।
प्रभात पुनम
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