अहांक सूरत देखैला फाटेय हिया
केस लागैय कारी बादलक घटा सन
लग आबू नए सजनी प्राण प्रिया
हमरा गलामे गोरी गलहार द दिय //
लाज सरम गोरी किया करैतछी
केस लागैय कारी बादलक घटा सन
देह लागैय बिजुली केर छटा सन
हौले हौले उठाऊ नए सजनी घुंघटा //
मुह देखीमें देब रेशम कय दुपटा //२ लग आबू नए सजनी प्राण प्रिया
अहांक सूरत देखैला तडपैया जिया
आजुक राईत गोरी अछि खास यए
मोनमे लागलअछ मिलनक प्यास यए हमरा गलामे गोरी गलहार द दिय //
अई बदलामे हिरा केर हार ल लिय//२
लग आबू नए सजनी प्राण प्रिया
अहांक सूरत देखैला तरसैय अंखिया लाज सरम गोरी किया करैतछी
हम तें सजनी अहिं पैर मरैतछी
लग आबू नए सजनी प्राण प्रिया//
आन बुझु नए हम छी आहंक पिया//२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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