दुष्ट प्रबृति के जो मनुष्य होता है
सुखमे भी उसके आँखों में आंसू होता है
जीवन भर ओ बिलख बिलख के रोता है
क्यूँ की ओ दुसरेके खुसी से दुखी रहता है
सजन प्रबृति के जो मनुष्य होतें है
ओ दुखमे भी हंस हंस के जीते हैं
उनको जीवन की रहष्य मालूम होता है
हर अँधेरी रात के बाद सुनहरा सबेरा होता है
सुखमे भी उसके आँखों में आंसू होता है
जीवन भर ओ बिलख बिलख के रोता है
क्यूँ की ओ दुसरेके खुसी से दुखी रहता है
सजन प्रबृति के जो मनुष्य होतें है
ओ दुखमे भी हंस हंस के जीते हैं
उनको जीवन की रहष्य मालूम होता है
हर अँधेरी रात के बाद सुनहरा सबेरा होता है
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