रविवार, 30 जनवरी 2011

आँखों की ईशारे @प्रभात राय भट्ट


आँखों के ईशारे देख ये दिल तुझे पुकारे !!
आँखों ही आँखों में हमने पढ्लिये दिल की शारी बात तुम्हारे !!
मेरे दिल में बाजी है प्यार की सह्नायियाँ !!
आजा मेरे करीब मिटादे मेरी तन्हाईयाँ !!
दिल की बात जुवां पे लाऊ कैसे !!
हल्का हल्का मीठा मीठा प्यार का एहसास !!
दिलमे मची है हलचल ,लम्बी लम्बी है मेरी साँस !!
ओठ कपकपाती है,जिश्म में सिहरन आजाती है !!
आँख झुक जाती है दिलकी बात जुवां पे अटक आती है !!
थम गयी है अपनी जगह चाँद तारें सारे !!
मौसम है सुहाना सुहानी पल ki है ये ईशारे !!
तू मुझमे डूब जाओ मई तुझ में खो जाऊ !!
मिटा के ये शारी दूरियां दो जिश्म एक जान हो जाऊ !!
मेरी मन की उमंग तेरे तन की तरंग !!
आजा मिलनकी प्यास बुझाले एक दूजे की संग !!
आ जरा देखे हम अपनी प्यार की नज़ारे !!
आँखों की ईशारे देख ये दिल तुझे पुकारे !!
यु ही इंतजार में बीत नजाए ये सुहाना पल !!
जी ले मस्त भरी जिंदगी खुदा न जाने क्या होगा कल !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट

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