मंगलवार, 29 मार्च 2011
अनमोल रचना@प्रभात राय भट्ट
शुक्रवार, 25 मार्च 2011
पेट किया जरैत@प्रभात राय भट्ट
प्रेम दीवाना@प्रभात राय भट्ट
बुधवार, 23 मार्च 2011
हमरा बिसैर गेलौं@प्रभात राय भट्ट
सोमवार, 21 मार्च 2011
नैन किया भईरगेल@प्रभात राय भट्ट
शनिवार, 19 मार्च 2011
HOLI @PRABHAT RAY BHATT
HOLI @PRABHAT RAY BHATT



यी प्रेमक पाती में लिखरहल छि अपन अभिलाशाक बोली !!
अईबेर प्रभात भाईजी गाम अओता की नए पूछीरहल अछि फगुवा टोली !!
बौआ काका के दालान में बनिरहल अछि फगुवाक प्लान !!
चईल रहल छई चर्चा अहिके चाहे खेत होई या खलिहान !!
कनिया काकी कहै छथिन बौआ क देखला बहुते दिन भगेल !!
वित साल गाम आएल मुदा विना भेट केने चईल्गेल !!
अहाक संगी साथी सब एक मास पाहिले गाम आबिगेल्ल !!
पूवा पूरी सेहो खिलाएब ,घोईर घोईर पियाएब हम अहाक भंग !!
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
मिथिला गर्भपुत्र@PRABHAT RAY BHATT
सोमवार, 14 मार्च 2011
आदर्श विवाह@प्रभात राय भट्ट
गुरुवार, 3 मार्च 2011
wo gujre huye jamana@prabhat ray bhatt
मुस्कान तेरी होठो पे रहता था,
मेरे लब्ज पे कुछ और आती नहीं,
सारे रिश्ते अंजना सी लगती है,
शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011
गीत बालविबाह@प्रभात राय भट्ट
कुमारी धिया@प्रभात राय भट्ट

संगी सखी सभक भेलई ब्याह, हमर होतई कहिया !!
तिस वरखक भेली हम, मुदा अखनो रहिगेली कुमारी धिया !!
हमरा लेल नए छाई संसार में, एक चुटकी सिंदुरक किया !!
रोज रोज हम सपना देखैत छि, डोली कहार ल्या क ऐलैथ पिया !!
आईख खुलैय सपना टूटईय, जोर जोर स: फटईय हमर हीया !!
गामे गाम हमर बाबा घुमैय,ल्याक हाथ में माथक पगरी !!
कतहु वर नए भेटैय,की विन पुरुख के छई यी मिथिला नगरी ?!!
बेट्टावाला केर चाहि पाँच दश लाख टाका आ गाड़ी सफारी !!
तिनचाईर लाख टाका ऊपरस:जौ चाहैछी जे ओझा करे नोकरी सरकारी !!
अन्न धन्न गहना गुरिया एतेक चाही जे भईरजाई हुनक भखारी !!
बेट्टीवाला दहेज़ में सबकुछ लुटा क अपने भजाईत अछि भिखारी !!
बाबा हमर खेत खलिहान बेच देलन आ बेच रहल छैथ अपन घरारी !!
अहि कहू यौ मिथिलावासी आऔर मिथिलाक बाबु भैया !!
कतय स:देथिन बाबा हमर दहेज़ में एतेक रुपैया !!
रचनाकार: प्रभात राय भट्ट
मिथिला माए@प्रभात राय भट्ट


अहो भाग्य अछि हमर जन्म लेलौ मिथिला माए के कोरा में !!
एहन निश्छल आ बत्सल प्रेम भेटत नए चाहुओरा mइ
प्रकृति केर सुन्दर उपहार ,संस्कृति केर बिराट संसार !!
मानबता केर सर्बोतम ब्याबहार मिथिलाक मुलभुतआधार !!
राम रहीम मंदिर मस्जिद दसहरा होई या ईद क रित !!
मिथिलावासी हिदू होई या मुस्लिम एक दोसर स:करैछैथ प्रीत !!
मिथिलाक पसु पंछी सेहो जनैत अछि प्रेमक परिभाषा !!
मधुरों स:मधुर अछि मिथिलाक मैथिलि भाषा !!
ज्ञान सरोबर एतिहासिक धरोहर अछि मिथिलाक संस्कृति !!
मन मग्न भजईत अछि देख क सुन्दर आ मनोरम प्रकृति !!
मिथिले में जन्म लेलैथ सीता केर रूप में माए भगवती !!
महाकवि विद्यापति केर चाकर बनला महादेव उमापति !!
वैदेही केर सुन्दरता पर मोहित भेलैथ भगवान राम !!
बसुधा केर हृदय बनल अछि हमर महान मिथिलाधाम !!
कहैछैथ शास्त्र पुराण विद्वान पंडित आऔर प्रोहित !!
मिथिलावासी क दर्शन स:मात्र भजाईत अछि !!
मनुख क सम्पूर्ण पाप तिरोहित !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
मिथिलांचल@प्रभात राय भट्ट

गंगा तट स: हिमालय केर पट
कोसी स: गनडकी तक !!
यी सम्पूर्ण भूमि अछि मिथिलांचल !!
जतेय बहथी निर्मलगंगाजल !!
हम थिक मिथिलाभूमि केर संतान !!
मिथिलांचल अछि हमार आन वान शान !!
मिथिलाक संस्कृति अछि हमर स्वाभिमान !!
स्वर्ग स: सुन्दर अछि हमर मिथिलाधाम !!
वसुधा केर हृदय थिक यी जनकपुरधाम !!
जतेय जन्म लेलैथ माँ जानकी आऔर साधू संत कवीर !!
एतही परम्पद पैलैथ ऋषि मुनि संत महंथ आऔर फकीर !!
राजर्षि जनक छलैथ विदेह राज्यक महर्षि राजा !!
कवी कौशकी गंडक बाल्मिकी मंडन !!
भारती सुशीला कुमारिल भट्ट नागार्जुन !!
महाकवि बिध्यापतिसं: बिद्वान रहथि प्रजा !!
मिथिला रहथि न्यायिक आऔर मसंसा ज्ञानक प्रदाता !!
येताही ब्याह केलैथ चारो भाई मर्यादापुरुषोतम राम बिधाता !!
मिथिला अछि भारतवर्ष केर प्राकृतिकाल स: ज्ञानबिज्ञान क स्रोत !!
यी सब हम जनैत भेलंहू ख़ुशी स: ओत प्रोत !!
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
अशांत मधेस@प्रभात राय भट्ट

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
आबिगेलई होली@प्रभात राय भट्ट

गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया,आबिगेलई होली !!
अहि केर प्रेमक रंग स: रंगाएब हम अपन चोली !!
यी प्रेमक पाती में लिखरहल छि अपन अभिलाशाक बोली !!
अईबेर प्रभात भाईजी गाम अओता की नए पूछीरहल अछि फगुवा टोली !!
बौआ काका के दालान में बनिरहल अछि फगुवाक प्लान !!
चईल रहल छई चर्चा अहिके चाहे खेत होई या खलिहान !!
कनिया काकी कहै छथिन बौआ क देखला बहुते दिन भगेल !!
वित साल गाम आएल मुदा विना भेट केने चईल्गेल !!
अहाक संगी साथी सब एक मास पाहिले गाम आबिगेल्ल !!
अहाक ओझा २५ किल्लो क खसी आ भांगक पोटरी अहिलेल दगेल !!
गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया जुड़ाउ हमर हिया !!
पूवा पूरी सेहो खिलाएब ,घोईर घोईर पियाएब हम अहाक भंग !!
अहि केर हाथक रंग स: रंगाएब हम अपन अंग अंग !!
रंग गुलाल अवीर उडाएब हम दुनु संग संग !!
प्रेमक रंग स: तन मन रंगाएब एक दोसर के संग संग !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
गंगा माई@प्रभात राय भट्ट

धर मन धीर चल गंगा केर तीर ,
तन मन की मैल धोत है गंगा के नीर ,
महादेव की जटा से बहत है गंगा की धरा ,
गंगाजल की महिमा गाए जग सारा ,
तिनोलोक में भए गंगाजल अमृत समान ,
देव दानव मानब भए अमर,करके गंगाजल्पान ,
निर्धन को धन बाझिनको पुत्र मिले कोढिको काया ,
जान सकेना कोई,अपरम्पार है गंगा माई की महामाया ,
शरण जाये जो गंगा माई के होई तिनके मनोकामना पूरा ,
सर्व सुख पूर्ण होई तिनके ,रहेना कोई कामना अधुरा ,
गंगा की बखान करे कवी कोविद तुलसी गोसाई ,
जय जय गंगा माई होई हम भक्त पर सहाई ,
तुम विन न कोई ईस गरीब का और दूजा ,
नित्यदिन श्रद्धा सुमन से करहु तेरी पूजा ,
गंगा माई है प्रकृति का सुन्दर उपहार ,
जो जाये गंगा माई की शरण में होई तिनके उधार ,
जय जय जय गंगा माई ,होहु हम भक्त पर सहाई,
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
हम रहित छि परदेश@प्रभात राय भट्ट
हम रहैत छि परदेश मुदा प्रेम अछि अपने देश स:!!
हम छि पावनभूमि मिथिलाधाम मधेस स:!!
लिखैत छि चिठ्ठी अपन ब्याथ केर नैनक नोर स:!!
मोनक बात चिठ्ठी में लिखैत छि मुदा बाईज नई सकैत छि ठोर स:!!
लिखैत छि अपन दुःख क पाती,रहैत छि कोना परदेश में !!
अईब केर परदेश हम फैस गेलौ बड़का क्लेश में !!
माए केर ममता भौजी केर स्नेह बिसरल नई जाईय !!
साथी संगी खेत खलिहान हमरा बड मोन परईय !!
माथ जौ दुखैत हमर माए लग में अब्थिन !!
की भेल हमर सोना बेट्टा के कहिक माथ मालिश करथिन !!
बोखार जौ लागैत हमरा भौजी बौआ बौआ करैत लग अब्थिन !!
दुधक पट्टी माथ पर रख्थिन आ दबाई ला क हमरा खुअब्थिन !!
मुदा अ इ परदेश में धर्ती गगन चंदा सूरज सब लगईय अनचिन्हार !!
बड अजगुत लगैय हमरा देख क ऐठामक दूरब्यबहार !!
मानब्ता नामक छीज नई छई इन्शान बनल अछि इंजिन !!
अठारह घंटा काम कर्बैय मालिक बुझैय हमरा मशीन !!
जान जी लगाक केलौ काम दू चैरगो रोग हमरा भेटल इनाम !!
नई सकैत छि त आब कामचोर कहिक हमरा केलक बदनाम !!
लिखैत छि कथा अपन ब्यथा केर बुझाब आहा सब बिशेष में !!
नून रोटी खैहा भैया अपने देश में ,जैइहा नई परदेश में !!
रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट
सोमवार, 21 फ़रवरी 2011
बालविधवा@प्रभात राय भात

गीत:-माहासंग्राम@प्रभात राय भट्ट

मेहनत मजदूरी हम करैतछि, खून पसीना ललक हमार चुईस !!
निरंकुश शासक कहैया हम छि बड़ा बलबंत !!
संग्राम संग्राम यी अछि मधेस मुक्ति केर महासंग्राम !!