मंगलवार, 29 मार्च 2011

अनमोल रचना@प्रभात राय भट्ट

रूप अहाँक लगैय चंदाचकोर अन्हार में करैछी ईजोर,
देख अहाँके मोनमें हमरा उठल हिलोर बड़ा बेजोर,

अहाँक केशक गजरा आईखक कजरा जान मारैय,
नशीली नयनक धार हमरा दिल पर वाण मारैय ,

खन खन खन्कैय कंगना छम छम बजैय पाजू,
 घुंघटा उठा सजनी हमरा संग मुस्की मुस्की बाजू,

अहाँके पबैला मंदिर मस्जिद मगैछी दुवा पढ़ैछि कलमा,
हे यै हमर गोरी गरिमा बनालू हमरा अहाँ अपन बलमा,२

चम् चम् च्म्कैछी रानी अहाँ दुतिया के चाँद सन,
गम गम गम्कैछी सुगिया अहाँ बेलीचमेलि फुल सन,

मृग नयनी अहाँक नयन ठोर लगैय रस भरल मधुशाला,
अंग अंगमें तरंग मोनमें उमंग जेना संगीतक पाठशाला,

प्रेम रस स उमरल रूप अहाँक देख भेली हम दीवाना यए,
देख अहाँ संग हमरा गोरी,जईर जईर मरैय जवाना यए,

डोली कहार लक आएब गोरी हम अहाँक अंगना
अहाँ बनब हमर सजनी हम बनब अहाँक सजना,

अहाँक रूप देखि चाँद चकोर सेहो लजागेल,
अहाँक सुन्दरताके तेज स ईन्द्रपरी सेहो झपागेल,

विधाता के रचल सजनी अहाँ छि अनमोल रचना,
अंग अंग में सजल यए अनुपम अनुराग के गहना,

हे यै हमर मोनक रानी गरिमा चलू हमर अंगना,
अहाँ बनब हमर सजनी हम बनब अहाँक सजना,२

रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट  





  

  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

b