शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

अशांत मधेस@प्रभात राय भट्ट


समस्या दिन पे दिन बढती ही जारही है , कल तक हमे अपने मान समान हक अधिकार की फिक्र थी तो आज हमे अपनी जन-धन और इज़त की खतरा नजर आरहा है । मधेश में हर दिन सुननेको मिलता है . . .हत्या आतंक ,चंदा ,अपहरण ,चोरी और डकैती की संजाल फैल्ताही जारहा है .अशिक्षा , उदंड , दमन अशिष्ट समाज की प्रबिर्ती बढ्ताही जारहा है .जिसकी लाठी उशकी भैंस बाली कहाबत आज हमारे मधेश में चरितार्थ हो रहा है .साधू संत भ्द्रभ्लादमी एबम सजनब्रिंद को जीना मुहाल हो गया है . एक तरफ हम अपनी अधिकार सूरछित करने के लिए सरकार से लड़ रहे है दुशरी तरफ हमे अपनेही समुदाय के लोग से खतरा बढ़ रहा है . तो क्या हम चुप चाप ये तानडब देखते रहेंगे या कुछ करेंगे ? हम सारे युवा मिलेंगे तो एक नयी सोच पैदा होगा समाजमे बिकृतियाँ रोकने की जागरूकता फैलेगी .और हम युवा एक स्वक्छ , सबल , स्वश्थ, शिक्षित एबम आदर्श मधेस समाज की निर्माण कर सकते हैं .और ये हमारी मुलभुत कर्तब्य है .क्यों की युवा पीढ़ी से ही समाज की निर्माण होती है .हमे अपना घर खुद बनाना पड़ेगा नहीं तो कल आनेवाला पीढ़ी हमे प्रश्न की घेरो में घेर लेगा और हमारे पास कोई जवाब नहीं होगा !.तो आओ हमारे मधेस की युवा क्यों की नेता हो तुम्ही हमारे लिए .ख़तम करदो हत्या हिंसा और जुल्म सदियों के लिए !!!!!!! जय मधेस . . . . . . . .जय मातृभूमि !!!!!!!

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