गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

आबिगेलई होली@प्रभात राय भट्ट



गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया,आबिगेलई होली !!

अहि केर प्रेमक रंग स: रंगाएब हम अपन चोली !!

यी प्रेमक पाती में लिखरहल छि अपन अभिलाशाक बोली !!

अईबेर प्रभात भाईजी गाम अओता की नए पूछीरहल अछि फगुवा टोली !!

बौआ काका के दालान में बनिरहल अछि फगुवाक प्लान !!

चईल रहल छई चर्चा अहिके चाहे खेत होई या खलिहान !!

कनिया काकी कहै छथिन बौआ क देखला बहुते दिन भगेल !!

वित साल गाम आएल मुदा विना भेट केने चईल्गेल !!

अहाक संगी साथी सब एक मास पाहिले गाम आबिगेल्ल !!

अहाक ओझा २५ किल्लो क खसी आ भांगक पोटरी अहिलेल दगेल !!

गाम आबिजाऊ हमर दुलरुवा पिया जुड़ाउ हमर हिया !!

पूवा पूरी सेहो खिलाएब ,घोईर घोईर पियाएब हम अहाक भंग !!

अहि केर हाथक रंग स: रंगाएब हम अपन अंग अंग !!

रंग गुलाल अवीर उडाएब हम दुनु संग संग !!

प्रेमक रंग स: तन मन रंगाएब एक दोसर के संग संग !!

रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

b