बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

गीत वियोग के @प्रभात राय भट्ट



पिया निर्मोहिया गेलैथ परदेश ,

भेजलैथ नई चिठ्ठी आ कोनो सन्देस,

जिया घबराईय ,चैन नई भेटैय,

सद्खन साजन अहि पर सुरता रहैय,

अहाविन हे यौ साजन मोन नई लगैय .......२

आईबकेर परदेस हमहू छि कलेश में ,

दुःख केर पोटरी की हम भेजू सन्देस में ,

आईबकेर परदेस मोन पचताईय ,

अहाक रे सुरतिया सजनी बिसरल नई जाईय ,

अहा विन हे ये सजनी मोन नई लगईय ,..........२

नई चाही हमरा गहना ,रुपैया आऔर बड़का नाम ययौ ,

ख्याब नून रोटी झोपडी में मुदा चएल आउ गाम ययौ ,

अहाक मुन्ना मुन्नी पर नई अछि हमार काबू ,

बाट चलैत बटोही क कहीदईया झट सा बाबु ,

सम्झौला स झट पुईछबैठेय कतए गेल हमर बाबु ,

सुनीकेर बेट्टाबेट्टी के बोली ,दिल पर चैइल जाईत अछि गोली ,

चुप चाप हम भजईत छि ,मोने मोन हम लाजईत छि ,

कहिदु मुन्ना मुन्नी के बाबु गेल छौ पाई कमाईला विदेस ,

ल क अईतोऊ तोरासबल्या खेलौना आ मीठ मीठ सनेश ,

मोन तर्शैय हमरो सजनी अहाक प्यार आ अनुरागला ,

आ बेट्टा बेट्टी केर मिठिका दुलार ला ..............................२ !!!

रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट



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