रविवार, 5 जून 2011

बाबुजी छैथ बड होसियार@प्रभात राय भट्ट

हमर बाबुजी छैथ  बड होसियार,
हुनका सन कियो नै बुधियार,
लेनदेनमें छैथ ओ बड माहिर ,
भला अर्थ स: संसार चलैय,
ई बातों छै जग जाहिर,
हम कहैछी बी.ए.एम्.ए.पढ़दीय,
बाबु कहैछैथ बस आब रहदीय,
आई.ए.पैढ़ लेलौ ई की कम अछि?
हम कोण पढ़ल लिखल ?
मुदा शिक्षा मंत्री बनल अछि,
पि.ए. स:सभटा काज कराबैछी,
साइनके जगह औठाछाप लगाबैछी,
काज करू एहन जैमे पाए नै लागे,
बैसल बैसल अपार धन सम्पति घर आबे,
बात हमर सुन बेट्टा,बन तहूँ हमरा सन नेता,
फेर देख जिन्दगी में चमत्कार भजेतौं,
हमरा संग संग तोरो उधार भजेतौं,
जो मंदिर,मस्जिद में आईग लग्बादे,
गिरजा घर,बौध गुम्बा पर डोजर चल्बादे
ई सब करिहे राईत के अन्हार में,
दू चाईर गो हिन्दू के गिरादीहे ईनारमें,
फेर देख हिन्दू मुस्लिम में लडाई भजेतई,
हमरा नेता सभक बड़का कमाई भजेतई,
भलेही मंदिर मस्जिद के आईग बुईझ जेतई,
मुदा धर्म मजहब केर आईग लागले रहतई,
अनेरो घुमैत रहिहे गामेगाम टोला टोला,
साथ वोकरे दिहे जेकर छै बोलबाला,
वोट बैंक बैढ़ जेतौं भजेबें तहूँ हमरा सन नेता,

रचनाकार:प्रभात राय भट्ट





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