शुक्रवार, 17 जून 2011

माए अहाँ ऐइ जग में महान छि@प्रभात राय भट्ट

माए अहाँ ऐइ जग में महान छि,
हमरा लेल अहाँ एकटा भगवन छि,
नौ मास हमरा  गर्भ में रखलौं,
मृत्युक मुहमें जाक जन्म देलौं,
ब्यथा पीड़ा वेदना सभटा सहलौं,
हर्षित मोन स मलमूत्र सेहो केलों,
अमृत समान धुधपान करेलों,
जागी जागी अहाँ राईत बितेलौं,
आँचर स झापि गोद में सुतेलौं,
हम अबोध किछु नए बजलौं,
मोनक बात अहाँ सभटा बुझ्लौं,
हमर सुख में अहाँ कतेक दू:ख उठेलौं,
था था करी आँगुर पकरी चलब सिखेलौं,
माँ माँ बा बा बोलीक  बाजब सिखेलौं,
बत्सलनिश्छल प्रेम हमरा पैर लुटेलौं,
ममताक रूप भगवतिक स्वरुप,
माए हम इस्वर में देखैत छि अहींक रूप,
मंदिर मस्जिद सभठाम गेलौं,
मुदा अहाँ स बैढ़क ओ भगवन की ,
जईमें अहांक सूरत नै देख्लौं,
माए अहिं छि चारोतीरथ चारोधाम,
जन्म जन्मान्तर हम रटब अहींक नाम,
माए अहाँ ऐई जग में महान छि,
हमरा लेल एकटा भगवान छि,

रचनाकार:प्रभात राय भट्ट

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