कहीं दीपा जली है
कहीं ज्योति जली है
जैसे लग रहा है
दहेज एक नरसंघार बना है
दहेज़ बना नरसंघार यहाँ
अब बेट्टी वाले जायेंगे कहाँ //२
कहीं बेट्टी जली है
कहीं बहु जली है
जैसे लग रहा है
दहेज़ की आग लगी है
दहेज़ बना नरसंघार यहाँ
अब बेट्टी वाले जायेंगे कहाँ //२
कहीं मीना जली है
कहीं नगीना जली है
जैसे लग रहा है
मेरी प्यारी बहना जली है
दहेज़ बना नरसंघार यहाँ
अब बेट्टी वाले जायेंगे कहाँ //२
कहीं घर जला है
कहीं घरवाली जली है
जैसे लग रहा है
एक प्यारी दुल्हन जली है
दहेज़ बना नरसंघार यहाँ
अब बेट्टी वाले जायेंगे कहाँ //२
कहीं दिल जला है
कहीं दिलवर जली है
जैसे लग रहा है
मोहबत की चित्ता जली है
दहेज़ बना नरसंघार यहाँ
अब बेट्टी वाले जायेंगे कहाँ //२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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