की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
बेट्टा बनल अछि मालजाल बाप बनल पैकारी
दहेजक आईगमें जईर रहल अछि बहु बेट्टी बेचारी
समाजमे दहेजक रोग लागल अछि बड भारी
आईग लागल दहेजक बेट्टी जईर जईर मरैय
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
मांगी दहेज़ किये करैतछी बेट्टी बहुक अपमान
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
उठू जगु मैथिल ललना बढ़ू आब आगू
तिलक दहेजक विरुद्ध एक अभियान चलाबू
मैथिलि बैदेही जानकीके भ्रूण हत्या सं बचाबू
उठू जगु मैथिल दहेज़ मुक्त मिथिला बनाबू
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
दहेजक आईगमें जईर रहल अछि बहु बेट्टी बेचारी
समाजमे दहेजक रोग लागल अछि बड भारी
जौं उपचार नहीं करब तेह फ़ैल ज्यात महामारी
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२बेट्टी जन्म लईते बाप माथ पैर हाथ धरैय
बेट्टीक ब्याह कोना करब चिंतामें डुबल रहैय
शिशु हत्या करैया कियो भ्रूण हत्या करैया आईग लागल दहेजक बेट्टी जईर जईर मरैय
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
मैथिल ललना पैढ़लिख भोगेलैथ विद्द्वान
मुदा दहेज़ छै अपराध ई किनको नहीं ज्ञान मांगी दहेज़ किये करैतछी बेट्टी बहुक अपमान
करू आदर्श ब्याह यौ ललना बढ़त अहांक शान
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
तिलक दहेजक विरुद्ध एक अभियान चलाबू
मैथिलि बैदेही जानकीके भ्रूण हत्या सं बचाबू
उठू जगु मैथिल दहेज़ मुक्त मिथिला बनाबू
समाजक कलंक बनल अछि तिलक दहेज़ //
की जाने लोग कोना करैया एकरा परहेज //२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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