मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

संबाद@:-प्रभात राय भट्ट

                   संबाद !!

काका:- सुन रे बौआ  देशक हाल बड बेहाल छै 
             जनता के लुईट लुईट चोर नेता सभ नेहाल छै 


भतीजा:- सुन हो काका गामक छौरा सभ भSगेलैय चोर डाका 
               लुईट लुईट आनक धन ताडिखाना में उड़बैय छै टाका


काका:- कह रे बौआ पैढ़लिख तोहूँ आब करबे की ?
            भेटतहूँ  नहि कतहु नोकरी चाकरी कह तोहूँ आब करबे की ?


भतीजा:- पैढ़लिख हम नेता बनब काका करब देशक सेवा 
               भूख गरीबी दूर भगा करब हम जनसेवा 


काका:- देश डुबल छै कर्जा में बौआ नेता सभक खर्चा में 
            भ्रष्टाचारी नेता सभक नाम छपल छै अख़बार पर्चा में 


भतीजा:- भ्रष्टाचारी  नेता सभ कें मुह कारिख पोती गदहा चढ़ाऊ
               राजनीती में कुशल सक्षम युवा सभ के आगू बढ़ाऊ


काका:- जे जोगी एलई काने छेदेने नै छै ककरो ईमान रौ
            कायर गद्दार नेता सभ बेच  देलकैय स्वाभिमान रौ 


भतीजा:- क्रांतिकारी युगांतकारी युवा नेता में दियौ मतदान यौ
               सुख समृद्धवान  देश बनत ,बनत सभ कें अपन पहिचान यौ 
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

b