संघर्ष ही दमन शोषण की अंत है
क्रन्तिकारी से बढ़कर न कोई बलबंत है
जो बन्दुक जनसेवा में उठाये वही संत है
संघर्ष ही सफलता की मुलभुत यन्त्र है
संघर्ष से डरनेवालों की जीवन परतंत्र है
जिसकी जीवन संघर्षमय हो वही स्वतंत्र है
क्रन्तिकारी से बढ़कर न कोई बलबंत है
जो बन्दुक जनसेवा में उठाये वही संत है
संघर्ष ही सफलता की मुलभुत यन्त्र है
संघर्ष से डरनेवालों की जीवन परतंत्र है
जिसकी जीवन संघर्षमय हो वही स्वतंत्र है
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