

दीपावली
जगमग जगमग दीप जली है !!
लगरहा है दीपावली आनेलगी है !!
घर आँगन सबका चमक रहा है !!
चेहरे पर खुशियाँ दमक रहा है !!
श्रद्धा सुमन की पराग महक रहा है !!
प्रेम स्नेह की अनुराग झलक रहा है !!
जगमग जगमग दीप जली है !!
घर घरमें दीपावली मानाने लगी है !!
हे माता रिद्धिसिद्धि की अधिष्ठात्री !!
हे लक्ष्मी तुम्ही हो जगत माता गायत्री
अष्ट नवनिद्धि वंशबृद्धि की दात्री !!
जनजन की करुणा निधान मात्री !!
रचनाकार:- प्रभात राय भट्ट
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