भौजीमे देखलौं माए कय सूरत
लागैछ्थिन ओ ममता कय मूरत
माए कय ममता अहां देलौं जेना
भौजी अहांक दुलार बिसर्बैय कोना
ममताक आंचैरमें हमरा रखलौं
अहां बत्स्ल प्रेमक स्नेह लुटैलौं
मोनमें अछि अपार श्रद्धा सुमन
अहांक चरण में सतसत नमन
नोर सं कानैत देख हमरा भौजी
अहां आंचैर सं नोर पोछी सुखेलौं
अपने अहां सुखल नून रोटी खेलौ
हमरा दूध दही स स्नान करेलों
हमर मुर्झायल जिनगीमें लेलौं बहार
हम बिसर्बैय जुनी अहांक प्यार दुलार
माए कय ममता अहां देलौं भौजी
माए यसोदा अहि छि हमर भौजी
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
b